यूँ अचानक किसी परिवार के कमाने वाले व्यक्ति का आकस्मिक निधन हो जाने से उसके परिजनों के सामने घोर आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है विशेष कर उन नौकरी पेशा व्यक्तियों, जिनके पास वेतन के अतिरिक्त आय का कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ट्रस्ट पारस्परिक सहयोग भावना यथा "सबका सहयोग, सबके लिए सहयोग, सबके द्वारा सहयोग" के लिए अपील कर सदस्यों को प्रेरित कर सहयोग कराता है। इसमें सभी नागरिक एवं सभी विभागों में कार्य करने वाले सरकारी/अर्द्ध सरकारी/ संविदा/प्राइवेट नौकरी पेशा लोग, जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष तक हो स्वेच्छा से सदस्य बन सकते हैं। स्वेच्छा से सभी नियम व शर्तों से सहमति के उपरांत वेबसाइट के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं।
ट्रस्ट से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाता है यह सदस्यता पूरी तरह निशुल्क है किसी भी व्यक्ति को बाध्य करके ट्रस्ट से नहीं जोड़ा जाता बल्कि सभी अपनी स्वेच्छा से जुड़ते हैं।
1. ट्रस्ट से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना संबंधी फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है, साथ ही ट्रस्ट का वाट्सएप/टेलीग्राम पर आधिकारिक ग्रुप बनाया गया है जिस पर समय-समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाए प्रदान की जाती रहती हैं। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने संबंधी पोल या विचार सुझाव आदि के दृष्टिगत ग्रुप के सदस्यों को भी विचार रखने और पोल में भाग लेने का अवसर दिया जाता है यही कारण है ट्रस्ट का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओं से अपडेट रहने हेतु व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप को सप्ताह में कम से कम दो बार देखने और अपडेट रहने की भी बाध्यता रखी गई है। कोई भी सदस्य अगर व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और संबंधित सूचनाए यदि नहीं प्राप्त कर पता तो संबंधित स्वयं जिम्मेदार होगा। फिर भी प्रयास किया जाता है कि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओं का प्रसारण किया जाए।
2. बहुत आवश्यक सूचनाओं की जानकारी प्रदान करने हेतु बल्क टेस्ट मैसेज सुविधा को प्रारंभ करने हेतु ट्रस्ट ट्राई से अनुमति लेने का प्रयास करेगा।
नोट:- मार्गदाता ट्रस्ट से जुड़ने के बाद कोई सदस्य किसी अन्य सम विषयक संस्था से जुड़ते हैं तो ट्रस्ट द्वारा उन्हें या उनके नॉमिनी को किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जा सकेगा। यानी जो भी सदस्य मार्गदाता ट्रस्ट से जुड़ेगा अगर वह मार्गदाता ट्रस्ट जैसी अन्य संस्था से जुड़ता है तो उसकी सदस्यता अपने आप समाप्त मान ली जाएगी, अगर कोई तथ्य छुपा कर जुड़ा भी रहता है तो ट्रस्ट मदद नहीं कर सकेगा।
सदस्य किसी अन्य ऐसे ट्रस्ट का हिस्सा बने बिना किसी का भी सहयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं किंतु लाभ किसी एक मंच से ही उचित है।
वैसे भी यह ट्रस्ट सहयोग का मंच है लाभ का नहीं।
3. ट्रस्ट द्वारा हेल्पलाइन नंबर सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया जाएगा। जिस पर कॉल/व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी का आदान-प्रदान किया जा सकता है कोई भी सदस्य इस नंबर पर कॉल/मैसेज करके सूचना दे/ले सकता है।
4. नोट - ट्रस्ट का प्रथम दिवस से ही नियम है कि ,जो सहयोग करेगा उसे ही सहयोग प्राप्त होगा।
5(A) लाकिंग पीरियड में मृत्यु होने पर- 90 दिन का लॉक इन पीरियड निर्धारित किया गया है 90 दिन के लॉकिंग पीरियड से तात्पर्य यह है कि यदि कोई सदस्य 01 जुलाई को रजिस्ट्रेशन किया, तो यदि उसकी मृत्यु 28 सितंबर की रात 12:00 बजे तक हो जाती है तो उसे सहयोग नहीं किया जाएगा साथ ही 1 जुलाई से 28 सितंबर तक कोई सहयोग चलता है और मृतक सदस्य द्वारा कोई सहयोग किया जाता है तो उस सहयोग के बदले लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी द्वारा सहयोग का दवा नहीं किया जा सकेगा।
5(B) यदि ऐसे सदस्य की मृत्यु सदस्य बनने के 91वें दिन हो जाती है एवं इस बीच में उसे सहयोग करने का कोई अवसर नहीं मिला तो उसके नॉमिनी को सहायता प्रदान की जाएगी।
5(C) गंभीर बीमारी की स्थिति में लाक इन पीरियड 01 वर्ष का होगा। यदि किसी सदस्य द्वारा रजिस्ट्रेशन करते समय या बाद में किसी गंभीर बीमारी के हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में विवरण दर्ज/अपडेट नहीं करता है तो तथ्यगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना संभव नहीं होगा। गंभीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी।
5(C-2) गंभीर बीमारी के मामले में ट्रस्ट अपेक्षा करता है कि सभी सदस्य अपनी बीमारी अपनी प्रोफाइल में अपडेट करेंगे अगर किसी कारण से अपडेट नहीं है तो इसका निर्धारण मृत्यु के कारण पर किया जाएगा, अगर मृत्यु का कारण बीमारी है तो उसे बीमारी में शामिल किया जाएगा भले ही प्रोफाइल मे प्रदर्शित नही किया गया हो। साथ ही ट्रस्ट से जुड़ते समय बीमारी की जानकारी थी या नहीं थी यह ट्रस्ट का विषय नहीं होगा, ऐसे मामलों में मृत्यु के कारण के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
उदाहरण - अगर किसी व्यक्ति की किडनी खराब है और वह ट्रस्ट से जुड़ता है तो उसके लिए लाकिंग पीरियड 01 वर्ष का ही होगा। माना की जुड़ने के 06 माह बाद उसकी मृत्यु होती है तो वो अवैधानिक होगा किंतु अगर उसकी मृत्यु मार्ग दुर्घटना से हुई हो तो उसे वैधानिक माना जाएगा क्योंकि मृत्यु बीमारी से न होकर मार्ग दुर्घटना से हुई है।
नोट:- गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु होने पर अगर मृत्यु का कारण और कुछ दर्शाया जाता है तो उसके पुख्ता प्रमाण देने होंगे अगर ट्रस्ट उसे प्रमाण से संतुष्ट होगा तो ही सहयोग की अपील को माना जाएगा अन्यथा बीमारी ही माना जाएगा। इस तरह के मामले में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार पूरी तरह से ट्रस्ट के पास होगा।
उदाहरण - अगर किसी को कैंसर है या किडनी खराब है और उसका इलाज चल रहा है ऐसी स्थिति में अगर कोई इलाज के दौरान हार्ट अटैक का दावा करता है तो उसकी गंभीर बीमारी का ही मामला माना जाएगा। मृत्यु के अलग कारण से मतलब है बीमारी के इलाज के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना आदि से है (सड़क दुर्घटना, रेल दुर्घटना, लू लग जाना, नदी में डूब जाना आदि।)
5(D) ट्रस्ट में सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी। वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगा अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगा। कोई भी सदस्य/नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा/अधिकार नहीं कर सकेगा बल्कि संस्था नैतिक रूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
5(E) ट्रस्ट दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वयं विवेक एवं स्वतः हस्तक्षेप करने का करने को स्वतंत्र होगी, जिस पर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नहीं उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/भ्रम फैलाने/दुष्प्रचार करने/दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवा कर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है ऐसे मामलों में ट्रस्ट कानूनी कार्रवाई भी करने के लिए स्वतंत्र होगा।
5(F) यदि सहयोग के दौरान या उसके बाद किसी सदस्य द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/हो चुके नॉमिनी के खाते में भेज दिया जाए तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नॉमिनी द्वारा वह धनराशि उस सदस्य के खाते में वापस करना होगा करना पड़ेगा। इस हेतु ट्रस्ट गारंटी नहीं ले सकेगा, किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगा।
6. सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी सहयोग करना अनिवार्य है सदस्य बनने के बाद लॉक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट/गूगल फॉर्म भरते हुए रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा। बिना सहयोग किये या सहयोग करने के बाद गूगल फॉर्म न भर पाने की स्थिति में सहयोग प्राप्त करने हेतु अर्ह नहीं माना जा सकेगा। क्योंकि वैधानिकता की पुष्टि हेतु प्रमाण आवश्यक है।
7. यदि किसी व्यक्ति द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा। ऐसे सदस्य निम्नलिखित नियमों के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे।
7(A) ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरांत लगातार सहयोग करते आ रहे हैं अगर 10 सहयोग से पहले (यानी 90% वाली छूट से पूर्व ) कोई सहयोग ब्रेक होता है तो वैधानिकता समाप्त हो जाएगी किंतु एक बार वैधानिकता समाप्त होने पर लगातार 04 सहयोग करके सदस्यता पुनः बहाल की जा सकेगी। 04 सहयोग पूरा होने तक वह सदस्य सहयोग प्राप्त करने हेतु वैध नहीं होगा। 04 सहयोग पूरा करते ही वह वैधानिक सदस्य हो जाएगा लेकिन यह किसी सदस्य को केवल एक ही बार ऐसा अवसर दिया जाएगा। यहां पर यह भी ध्यान देने योग्य होगा कि बीच में केवल दो सहयोग ही अधिकतम ब्रेक हुआ हो।
7(B) रजिस्ट्रेशन करने के बाद सहयोग न करने वाले सदस्य स्वतः क्रियाशील होकर वैधानिक सदस्य बनकर सहयोग करने की स्थिति में एवं बीच में 02 से अधिक सहयोग ब्रेक होने की स्थिति में, लगातार 05 सहयोग करने के बाद ही अपनी सदस्यता बहाल करा सकते हैं जब तक 05 सहयोग नहीं किए जाते, बीच में मृत्यु होने की स्थिति में वह सदस्य अवैधानिक होगा और सहयोग नहीं प्राप्त कर सकेगा। ट्रस्ट की विशेष संस्तुति पर लगातार 05 सहयोग करने पर ही सदस्यता बहाल की जा सकेगी। ऐसे मामले में 04 माह का लॉक इन पीरियड भी लागू होगा। (यह जरूरी नहीं की 04 माह का लॉक इन पीरियड पूरा होने तक 05 सहयोग करने का अवसर आए, 04 माह के लॉक इन पीरियड पूरा करने के बाद 05 सहयोग पूरा करना अनिवार्य होगा।)
8 यदि कोई सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नही किया रहता और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नही दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में दिवंगत सदस्य के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण गया। उस स्थिति में सहयोग करना जरूरी होगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नही दिया जा सकेगा। यह नियम सिर्फ स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गम्भीर दुर्घटना/ बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति या अन्य कोई ऐसी परिस्थितिजन्य स्थिति जो सदस्य के बस के बाहर हो में ही मान्य होगा।
9. जो सदस्य किसी कारण से सहयोग नहीं कर पाए उनको हमेशा के लिए निकलने से अच्छा एक मौका देना है यदि कोई नया रजिस्ट्रेशन करता है तब भी लॉकिंग पीरियड होती है उसी प्रकार जो अब तक सहयोग नहीं किया है और अब सहयोग करना चाह रहे हैं तो लगातार 05 सहयोग और उनके लिए तीन माह का लॉकिंग इन पीरियड होगा।
9 (A) अगर कोई सदस्य वर्ष में 01 बार सहयोग छोड़ देता है तो 03 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उसे बीच के समस्त सहयोग पूरा करके पुनः वैधानिक सदस्य हो सकता है।
9 (B) अगर कोई सदस्य 01 वर्ष की अंतराल में ही 02 या 02 से अधिक बार सहयोग छोड़ता है तो उसे वैधानिक होने के लिए 6 माह का लाकिंग पीरियड तथा उसे बीच के समस्त सहयोग पूर्ण करने होंगे।
9 (C) अगर कोई सदस्य रजिस्ट्रेशन करके या रजिस्ट्रेशन के बाद कुछ सहयोग करके 06 माह या उससे अधिक माह के लिए सहयोग छोड़ देता है तो उसे वैधानिक बनने के लिए 06 माह का लॉकिंग इन पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूर्ण करने होंगे।
9 (D) किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्थितियों स्वयं या पारिवारिक आदि की विपरीत परिस्थिति में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नहीं होगा, इस हेतु क्रमिक सहयोग करके वैधानिकता बहाल करने की व्यवस्था/ 10 सहयोग के बाद 90% अवसरों में सहयोग की स्थिति संबंधी नियम लागू होगा।
10. कम से कम 10 सहयोग हो जाने के बाद यह देखा जा सकेगा कि किसी सदस्य ने 90% अवसरों पर यानी 10 में से 09 बार कम से कम यदि सहयोग किया है तो उसे किसी 01 सहयोग न कर पाने के कारण उसकी सदस्यता न तो निलंबित होगी, न हीं उसे सहयोग से इंकार किया जाएगा। बशर्ते सहयोग न कर पाने का संतोषजनक कारण हो। इस प्रकार की छूट सहयोगो की कुल संख्या बढ़ने यानी 10 बार, 25 बार, 50 बार के साथ विचाराधीन रहेगी और उसके सहयोग के प्रतिशत में 80% से 90% तक विचार किया जा सकेगा। लेकिन 10 सहयोग के बाद ही 90% का नियम अगले संशोधन तक लागू माना जाएगा। 10 सहयोग से पहले 90% अवसरों पर सहयोग के नियम को नहीं माना जाएगा। तब तक समस्त सहयोग करना अनिवार्य होगा।
11. 90% सहयोग की व्याख्या- अगर किसी ऐसे सदस्य की मृत्यु होती है जो की टीम से लंबे समय जुड़ा था किंतु कुछ सहयोग के कारण अवैधानिक हो रहा है तो उस समय देखा जाएगा की मृत्यु की तिथि से 03 वर्ष पूर्व के बीच हुए कुल सहयोग का अगर 90% सहयोग किया है तो उसे 90% सहयोग के दायरे के वैधानिक मानते हुए सहयोग किया जाएगा।
11(A) किसी व्यक्ति के सदस्य बनने के 10 सहयोग पूरा करने के उपरांत प्रति वर्ष अपरिहार्य स्थिति में 01 सहयोग न कर पाने की दशा में केवल 01 छूट दी जा सकेगी, लेकिन पूर्व में उसके द्वारा सदस्य बनने के बाद 10 सहयोग किया गया हो।
11(B) यदि कोई सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नहीं किया रहता और इस दौरान उसकी दुखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जाएगा क्योंकि यह माना जाएगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भांति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में दिवंगत सदस्य के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण हो गया, उस स्थिति में सहयोग करना जरूरी होगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नहीं दिया जा सकेगा।
यह नियम सिर्फ स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गंभीर दुर्घटना/बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति या अन्य कोई ऐसी परिस्थितिजन्य स्थिति जो सदस्य के बस के बाहर हो में ही मान्य होगा।
इसके अलावा जहां तक सहयोग की बात है तो कोई किसी का भी सहयोग कर सकता है कोई किसी का सहयोगात्मक भाव से गूगल फॉर्म भर सकता है।
11(C) दान अनिवार्य नहीं है ऐच्छिक है। लेकिन प्रत्येक सदस्यों को 50₹ वार्षिक व्यवस्था सहयोग राशि निर्धारित हैं।
12. सुसाइड या किसी विवादित केस या अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक हो, में ट्रस्ट के पास पड़ताल करके वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद निर्णय लेने का अधिकार होगा।
12(A) वस्तुतः एक से अधिक सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में ही सहयोग किया जाएगा। किंतु यदि किन्हीं दो या अधिक सदस्यों की मृत्यु एक ही तिथि में होती है तो ऐसी स्थिति में उस सदस्य का सहयोग पहले किया जाएगा जिसके सहयोग करने का प्रतिशत/एवरेज अधिक होगा उसके बाद अन्य का। उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे स्थलीय निरीक्षण न हो पाना, कुछ तकनीकी कमी आदि मामलों में कोर टीम सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार ले सकेगी।
12(B) नॉमिनी संबंधी विवाद की स्थिति में ट्रस्ट परीक्षणोंपरांत निर्णय लेने और सहयोग करवाने हेतु स्वतंत्र होगा।
12(C) अनुशासनहीनता, ट्रस्ट विरोधी गतिविधि या किसी प्रकार की साजिश करने वालों के विरुद्ध ट्रस्ट के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा।
12(D) व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप पर जानकारी हेतु समस्त सूचनाए समय-समय से प्रदान की जाती हैं। कोई सदस्य व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप से सूचनाए नहीं प्राप्त करता है तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा।
12(E) सदस्य हेल्पलाइन के माध्यम से अपना सवाल जवाब प्राप्त कर सकेंगे।
12(F) समय और आवश्यकता को देखते हुए ट्रस्ट के किसी भी नियम में कभी भी संशोधन/परिवर्तन का अधिकार मैनेजिंग ट्रस्टी/प्रबंधक/सचिव के पास सुरक्षित रहेगा।
12(G) ट्रस्ट सहयोग सीधे दिवंगत परिवारों के नॉमिनी के खाते में करवाता है इसीलिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।
13. ट्रस्ट किसी भी व्यक्ति को जबरन या दबाव देकर ट्रस्ट का सदस्य नहीं बनाता है, सदस्यों को नियम स्वीकार करके ही सदस्य बने का विकल्प प्रदान किया जाता है स्वेच्छा से कोई भी सदस्य कभी भी खुद को ट्रस्ट अलग कर सकता है।
14. ट्रस्ट से जुड़ने हेतु कोई भी सदस्यता शुल्क नहीं है कोई भी व्यक्ति नियम एवं शर्तों से सहमत होकर निशुल्क रजिस्ट्रेशन करके सदस्य बन सकता है और सहयोग कर सकता है सहयोग पाने हेतु व्यवस्था शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।
15. सहयोग के दौरान कूटरचित/फर्जी रसीद या नियमों के विपरीत कार्य करने वाले सदस्यों के बारे में ट्रस्ट निर्णय लेने का अधिकारी होगा। ऐसे सदस्यों की वैधानिकता भी समाप्त की जा सकेगी और सहयोग से भी वंचित भी किया जा सकेगा
16. दान अनिवार्य नहीं है ऐच्छिक है। जो सदस्य चाहे वो ट्रस्ट के खाते में 50₹ वार्षिक व्यवस्था सहयोग राशि जमा करके निम्न लाभ प्राप्त कर सकते हैं-
17. जिन सदस्यों ने व्यवस्था सहयोग राशि ट्रस्ट के खाते में जमा किया है उनको किसी दुर्घटना होने पर 01 लाख या उससे अधिक का बिल लगने पर 25 हजार से 50 हजार तक की मदद किए जाने का प्रयास किया जाएगा। (ट्रस्ट की सदस्य संख्या 02 लाख या अधिक हो जाने पर ) जोकि निम्नलिखित नियम एवं शर्तों के अधीन होगी-
नोट- 3. दुर्घटना में इलाज हेतु 30 दिन का लॉकिंग पीरियड होगा। मतलब सहयोग राशि जमा होने के 30 दिन बाद ही होने वाली दुर्घटना पर ही मदद दिया जाएगा। साथ ही मदद अतिरिक्त लाभ के तौर पर दी जा रही जिसका सहयोग और राशि ट्रस्ट के पास उपलब्ध धन पर निर्भर करेगा। (दुर्घटना से तात्पर्य मार्ग दुर्घटना से समझा जाएगा।)
1. यह सुविधा ट्रस्ट के वैधानिक सदस्य को ही मिलेगी। लाभ प्राप्त करने हेतु सदस्य द्वारा व्यवस्था सहयोग राशि जमा करने की तिथि से 1 वर्ष पूरा होने तक लागू रहेगी। उसके पश्चात पुनः वार्षिक आधार पर जमा करना होगा।
2. ये सुविधा सिर्फ व्यवस्था सहयोग राशि देने वालों को ही मिलेगी।
3. इस व्यवस्था के लिए कुल व्यवस्था सहयोग राशि की 25% राशि ही उपयोग की जाएगी।
4. यह लाभ नहीं मिलेगा जिनका इलाज का खर्च 01 लाख से अधिक का होगा।
5. यह राशि तुरंत न देकर स्थलीय निरीक्षण के बाद ही दी जाएगी। कैशलेस या हॉस्पिटालिटी के समय ही यह खर्च दिया जाए यह जरूरी नहीं होगा, समय से सहयोग करने का प्रयास रहेगा लेकिन समस्त औपचारिकताओं की जांच करने के उपरांत ही सहयोग होगा।
6. कोशिश की जाएगी की राशि सीधे अस्पताल के खाते में दी जाए। यदि उस समय न संभव हुआ तो समय और परिस्थिति के हिसाब से ट्रस्ट निर्णय लेगा।
7. यह सुविधा सिर्फ दुर्घटना में ही मिलेगी। बीमारी आदि के इलाज पर नहीं। (भविष्य में बीमारी को कवर करने की कोशिश की जाएगी।)
8. दुर्घटना के मामले में अगर किसी सदस्य ने इलाज में खर्च की गई राशि किसी इंश्योरेंस कंपनी से प्राप्त कर ली है तो इस स्थिति में ट्रस्ट अपेक्षा करती है कि ट्रस्ट से लाभ हेतु आवेदन नहीं किया जाए ताकि उक्त धन किसी और के काम आ सके। फिर भी अगर आवेदन किया जाता है तो अधिकतम 20 हजार की मदद की जा सकेगी।
नोट- दुर्घटना बीमा अधिकार नहीं है बल्कि ट्रस्ट द्वारा सहयोग है जो कि ट्रस्ट के पास उपलब्ध धन पर निर्भर करेगा।
1. वेबसाइट के निर्माण और संचालन में।
2. ऐप बनवाने और संचालन में।
3. SMS सुविधा उपलब्ध कराने में। ( इस हेतु ट्रस्ट TRAI से अनुमति लेने का प्रयास करेगा।)
4. ऑफिस और टेक्निकल सपोर्ट रखने में जो आपको तकनीकी मदद देगा।
5. स्थलीय निरीक्षण करने में।
6. ट्रस्ट के सदस्यता अभियान में।
7. समय-समय पर नई तकनीकी का इस्तेमाल में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ-साथ आसान बन सके।
8- ब्लड कलेक्शन चार्ज हेतु खर्च मे ।
9- महामारी या अन्य प्राकृतिक आपदा मे पीड़ितों को भोजन आदि की मदद देने मे।
10- सर्दी के मौसम मे कंबल /गर्म वस्त्र वितरण मे ।
11- गर्मी के मौसम मे शीतल जल उपलब्ध कराने हेतु प्यायू लगाने मे ।
12- ट्रस्ट के उद्देस्यों की पूर्ति मे। (भविष्य में जरूरतों को देखते हुए नियमों में परिवर्तन का अधिकार ट्रस्ट के पास होगा, विवादास्पद स्थिति में ट्रस्ट के पास निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित होगा।)
नोट-1. सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक सदस्य के नॉमिनी को दिया जाता है अतः आपके द्वारा दिए गए सदस्य दिए गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा, यह पूरी तरह सदस्यों की मर्जी पर निर्भर रहेगा। ट्रस्ट द्वारा अपील करने पर सहयोग कम या ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में ट्रस्ट जिम्मेदार नहीं होगी। क्योंकि ट्रस्ट सिर्फ सहयोग की अपील करता है अतः किसी तरह की देनदारी के लिए कानूनी अधिकार मान्य नहीं होगा। कोई तथ्य छुपा कर या बिना पात्रता पूरी किए जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है तो उसका दावा मान्य नहीं होगा।
नोट - 2. मार्गदाता ट्रस्ट का सदस्य बनने के बाद किसी वैधानिक सदस्य की मृत्यु पर उसके परिवार के खाते में निर्धारित सहयोग भेज कर ट्रांजैक्शन स्क्रीनशॉट वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है। नियम और अनुशासन सर्वोपरि है। नोट 3- जो सदस्य स्वेच्छा से रक्तदान करते है उन्हे आवश्यकता पड़ने ओर रक्त उयलब्ध काया जायेगा।
भविष्य की योजनाएं - मार्गदाता में 03 लाख सदस्य संख्या के उपरांत गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटना में घायल वैधानिक सदस्य के इलाज हेतु 5 से 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद हेतु योजना लाया जाएगा।
जो सदस्य रक्तदान करते है उन्हे आवश्यकता पड़ने पर रक्त उपलब्ध कराया जायेगा।ब्लड कलेक्शन चार्ज का खर्च ट्रस्ट द्वारा वहन किया जायेगा।